दो दिवसीय संगीतमय सत्यवीर तेजाजी महाराज की कथा आयोजित नाटक मंचन के साथ हुआ समापन।
*कलाकारों द्वारा भजनों के साथ मनमोहक प्रस्तुतियां ने देर रात सम्मा बांधा, हजारों की तादाद में पधारे ग्रामीण श्रद्धालू कथा का रसपान करते हुवे मधुर भजनों पर झूम उठे।*
बगवानियां रविन्द्र ठाकुर //ग्राम पंचायत बगवानियां के मजरा गांव ग्राम बांडीखार में दो दिवसीय संगीतमय सत्यवीर तेजाजी महाराज की कथा का समापन मगंलवार सुबह आयोजित कार्यक्रम के साथ हो गया है। सांवरिया ग्रुप बगवानियां निवासी गोलू जयसवाल ने बताया की यहां करीब 15 वर्षों से लगातार कथा का आयोजन रखा जाता है। जिससे आसपास के कई गांवों के श्रद्धालु आते है। श्रद्धालुओं की संख्या हजारों की तादाद में रहती है। गोलू ने बताया की कलाकारों द्वारा बड़े ही रोचक प्रतुतियां दी जाती है। जिससे श्रद्धालू भजनों का रसपान करते हुवे झूम उठते है। वही बताया की आस्था,धर्म, संस्कृति को सदैव जीवंत रखने के लिए हम सबको ऐसे पुनीत कार्य करते रहना चाहिए।
वही सोमवार शाम व मगंलवार अलसुबह को आयोजित नाटक मंचन के अन्तिम दिन वीर तेजाजी का रोल अदा करने वाले गणेश यादव एवं उनके साथियों द्वारा एक से एक बढक़र एक रोचक प्रस्तुुतियां दी गई । नाटक मंचन के अन्तिम दिन वीर तेजाजी व पेमल गोरी के बीच हुए दर्द भरी वार्ता तेजाजी द्वारा लाछा गुजरी की चोरी हुई गायों को वापस लाना , घायल होकर राजा वासक के बांबी पर पहुॅचना , राजा वासक द्वारा वीर तेजाजी को डसने व राणी पेमल के सती होने के संवाद का मार्मिक प्रस्तुतिकरण किया गया । कलाकारो ने बताया कि दिए वचन को निभाने के लिए तेजाजी ने अपने प्राण तक त्याग दिए थें ।
कार्यक्रम में दो घड़ी रूक जाओं परण्या तेजा ओं ---- सुरा लड़े ने कायर कांप सी ---मत दूध लजाजे परण्या , मत आईजे रण हारने की मनमोहक प्रस्तुतियों ने देर रात तक संमा बनाई रखी । कलाकारों द्वारा तेजाजी के साफा पचरंगी , लिलण के लाल लगाम-इत्यादि भजनो के साथ डांस की प्रस्तुति भी दी गई । जिससे नाटक कार्यक्रम में हजारों की तादाद में पधारे ग्रामीण भक्तों ने कथा का रसपान करते हुवे कलाकारों के मधुर भजनों ओर डांस प्रस्तुति से झूम उठे ।


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