धामनोद// नगर मै 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला, क्रेता फर्म ने बिना भुगतान किए हड़पा माल। पुलिस ने, एसटी टेक्सटाइल फर्म द्वारा 7 करोड़ रुपये का माल हड़पने पर, दर्ज किया मामला।
*जिनिंग फैक्ट्री धामनोद का, एसटी टेक्सटाइल फर्म पर आरोप, रुई के माल का 7 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।*
धामनोद // थाना धामनोद में अपराध क्रमांक 204/25 के तहत, एक गंभीर ठगी का मामला सामने आया है। इसमें एक अंधेरी मुंबई स्थित एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड फर्म के संचालकों पर आरोप है कि, उन्होंने एक रुई की गठान विक्रेता से करीब 7 करोड़ रुपये का माल, बिना भुगतान किए हड़प लिया। यह मामला विक्रेता और क्रेता के बीच विश्वास के आधार पर हुआ, लेकिन बाद में क्रेता फर्म ने भुगतान करने से इनकार कर दिया और विक्रेता के साथ धोखाधड़ी की।
सुभाष मंगल, नितिन मंगल राधा मोहन अग्रवाल एवं संकेत गर्ग, नामक आवेदकों की धामनोद में जिनिंग फैक्ट्री है, जहां से वे रुई की गठानों का व्यापार करते हैं। लंबे समय से इनकी फर्म एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड, अंधेरी मुंबई के साथ व्यापार कर रही थी। इस फर्म के संचालक मुकेश त्यागी, निखिल त्यागी और संगीता त्यागी के साथ उनका सौहार्दपूर्ण व्यापार चलता था, और नियमित रूप से माल की आपूर्ति और भुगतान किया जाता था। इस विश्वास के आधार पर विक्रेता फर्म ने , अपनी रुई की गठानें इस फर्म को भेजी थीं। मालिकों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक क्रेता फर्म ने, विक्रेता से महंगे दामों पर रुई की गठानें खरीदीं और विक्रेता को भुगतान का झांसा दिया। इसके बाद भुगतान का सिलसिला अचानक रुक गया और दोनों फर्मों के बीच संवाद भी बंद हो गया। इस पर विक्रेता फर्म ने, जब मुंबई जाकर संपर्क किया, तो आरोपियों ने एक नया बहाना बना दिया कि विक्रेता फर्म ने बगैर एग्रीमेंट के माल भेजा था, इसलिए वे भुगतान नहीं कर सकते।विक्रेता फर्म के मालिकों ने, इस धोखाधड़ी के खिलाफ थाना धामनोद में 20 फरवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और विक्रेता व क्रेता फर्म के बीच के सभी लेन-देन, विक्रय के बिल, ई वे बिल और बैंक अकाउंट डिटेल्स की छानबीन की। इसके अलावा, दलाल और ट्रांसपोर्टर के बयान भी लिए गए और उनसे संबंधित बिल्टी वाउचर भी जप्त किए गए। हालांकि, एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड फर्म ने जांच में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और कहा कि, माल बिना एग्रीमेंट के भेजा गया था, इसीलिए भुगतान नहीं किया जा सकता। इस मामले में धामनोद पुलिस ने, जिला अभियोजन अधिकारी से विधिक अभिमत प्राप्त किया और पाया कि, विक्रेता फर्म के साथ धोखाधड़ी और विश्वास का दुरुपयोग किया गया। क्रेता फर्म ने जानबूझकर कोई लिखित एग्रीमेंट नहीं किया और विक्रेता ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद,क्रेता द्वारा भुगतान नहीं किया। इस कारण यह मामला धोखाधड़ी और षडयंत्र का साबित हुआ। धामनोद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत धारा 61(2), 318(4), 316(5) BNS में दर्ज कर, आगे की जांच की जा रही।
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