*_विद्युत विभाग की लापरवाही का नतीजा करंट की भेंट चढ़ी दो दुधारु भैंसें दर्दनाक मौत_*
*_दो बालिकाएँ भी चपेट में आने से बाल बाल बची_*
*धामनोद(प्रकाश जोशी) धामनोद थाना क्षेत्र के ग्राम बिखरौन की नई बस्ती गुलझरी के रहने वाले एक किसान की दो दुधारु भैंसें नदी किनारे खेत की मेर पर चारा चरने के दौरान विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते बुधवार को करंट की भेंट चढ़ी जिससे दोनों भैंसों की दर्दनाक मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बिखरौन के गुलझरी के किसान दीपक पिता घीसालाल की दो बालिकाये भैसों को नदी किनारे खेत की मेर पर चराने के लिए ले गई थी। उस दौरान विद्युत पोल पर से बिजली का तार पहले से टुटा हुआ निचे पड़ा हुआ था जो हरे चारे में दिखाई भी नहीं दे रहा था वहीं उस तार में करंट भी प्रवाहित हो रहा था। चार चरने के दौरान दोनों भैसों को जोरदार करंट लगा एवं उनके मुँह के पास से चिनगारी तक निकलने लगी एवं दोनों भैंसों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना उन दोनों बालिकाओं ने भी देखी जो भैंसों को चराने के लिए गई हुई थी। किसान दीपक ने बताया कि मैंने हाल ही में दो भैंस बैंक से लोन लेकर खरीदी थी। जिनका लोन अभी भी चल रहा है। अब इन दोनों भैंसों के मर जाने के बाद अब हमारी स्थिति दयनीय हो गई है। ये तो गनीमत रही कि भैंसों के मुँह आग निकलती देख दोनों बालिकायें वहाँ दूर हो गई दोनों भैंसों के साथ ही चल रही थी उन्हें भी करंट लग सकता था। अब किसान शासन से गुहार लगा रहा है कि विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते मेरी दोनों दुधारु भैंसे है उनके छोटे छोटे बछड़ों के लिए संकट आ गया है दोनों भैंसों के बछड़े बिना दुध के कैसे बड़े होंगे। अब मैं बैंक के लोन की किस्त कैसे भर पाऊँगा और इन दोनों के बछड़ों का लालन पोषण कैसे कर सकुँगा।
इधर विद्युत विभाग के सहायक यंत्री गणेश निहाले से फोन पर जब मिडिया से चर्चा हुई तो उन्होंने पहले तो यह बताया कि मौके पर जा कर देखना पड़ेगा कि जिस लाईन से करंट लगा है वह विद्युत विभाग की लाईन है या कोई अन्य लाईन है। वहीं यह भी बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही है तो शासन प्रशासन की योजना के अंतर्गत सहायता राशि निर्धारित की गई है वह किसान को दिलाई जायेगी। जबकि एक जानकारी में यह भी मालुम हुआ कि विद्युत पोल से तार टुटने की जानकारी विभाग को आसपास के खेत मालिकों द्वारा दो तीन दिन पूर्व ही दे दी गई थी। उसके बावजुद भी विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया गया जिसका परिणाम दो दुधारु भैंसों को अपनी जान गवाँकर उठाना पड़ा है।
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