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Friday, 30 August 2024

_अजय दुबे के शव को महेश्वर चौराहे पर रखकर परिजनों ने न्याय की मांग दोहराई_*कहा उपनिरीक्षक नर्वदसिंह ठाकुर पर करें एफआईआर_*

 *_बहुचर्चित मेहगाँव कांड . . ._*

*_अजय दुबे के शव को महेश्वर चौराहे पर रखकर परिजनों ने न्याय की मांग दोहराई_*कहा उपनिरीक्षक नर्वदसिंह ठाकुर पर करें एफआईआर_*





*धामनोद।* थाना क्षेत्र के ग्राम मेहगाँव के बहुचर्चित कांड में 11 दिन बाद अजय दुबे के शव का धरमपुरी थाना क्षेत्र में गुरुवार को मिली थी। जिसे धामनोद के शासकीय अस्पताल में लाया गया था। जहाँ चार डॉक्टरों की पेनल के द्वारा पोस्टमार्टम करने के लिए सभी तैयारिया कर ली गई थी। परन्तु पोस्टमार्टम रुम में शव के हालात देखने के बाद सभी डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने से मना करते हुए कारण बताया था कि बाड़ी कॉफी डीकम्पोस्ड हो चुकी है। इसे फोरन्सीक पोस्टमार्टम के इन्दौर एमवाय हास्पिटल भेजना होगा। जिसके बाद शुक्रवार की सुबह शव को इन्दौर भेजा गया था। जहाँ फोरेन्सीक एक्सपर्टों द्वारा पोस्टमार्टम किया जा कर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजन शव को लेकर इन्दौर से अपने गृह गाँव महगाँव लेकर पहुँचे। जहाँ से अन्तिम संस्कार के लिए खलघाट नर्मदा तट जाना तय हुआ था। 

     आपको बता दें कि मामला पुरी तरह से संदेह के घेरे में होने के कारण परिजनों का आक्रोष कम होने का नाम नहीं ले रहा था। परिजनों द्वारा गुरुवार को भी धामनोद पुलिस के सामने तीन मांगे रखी गई थी। जिसके पुरा नहीं होने पर पोस्टमार्टम के बाद अजय दुबे के शव को महेष्वर चौराहे पर रखकर प्रदर्शन कर चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई थी। परिजनों को थाने के सीसीटीवी फुटेज और सुसाइड नोट तो दिखा दिया गया था। परन्तु उपनिरीक्षक नर्वदसिंह ठाकुर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की गई। जिसे लेकर शुक्रवार को शाम 5.30 बजे के लगभग दुबे परिवार एवं परिजनों एवं ग्रामीणों द्वारा शव यात्रा को लेकर नगर के महेष्वर चौराहे (श्री राम चौक) पहुँचे जहाँ वाहन में से शव को निकाल कर चौराहे पर रख दिया। शव के चौराहे पर रखते ही नगर में हड़कम्प मच गया। वहीं यातायात भी बाधित हुआ। हालाँकि पुलिस को पहले ही अंदेशा था कि परिजन इस तरह की घटना कर सकते हैं इसलिए पहले से अन्य थानों से पुलिस बल बुलाया हुआ था। जिसके चलते यातायात को सुचारु करते हुए महज 10 मिनट में ही मार्ग से शव यात्रा को खलघाट के लिए रवाना किया गया। पुलिस अधिकारी और परिजनों के बीच न्याय को लेकर कॉफी बस हुई। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की समझाईश के बाद शव को वापस वाहन में रखकर अन्तिम संस्कार के लिए खलघाट ले जाया गया।

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