*_धामनोद//धूमधाम से निकला नर्मदेष्वर महादेव का डोला_*
*_जगह जगह हुआ पुष्प वर्षा से डोले का स्वागत भक्तों ने लिया तरह तरह का प्रसाद_*
*धामनोद।* विगत 23 वर्षों से लगातार परम्परा अनुसार इस वर्ष भी श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्री नर्मदेष्वर महादेव की भव्य सवारी शिव डोला एवं विशाल कावड़ यात्रा निकली गई।
श्रद्धा और ऊर्जा से परिपूर्ण इस कावड़ यात्रा प्रातः 6.00 बजे खलघाट स्थित माँ नर्मदा तट से हर महादेव के जय घोष से प्रारम्भ हुई जो खलघाट के मुख्य मार्ग होते हुए चौराहे पर पहुँची जहाँ कावड यात्रा में शामील कावड़ियों का भवरू स्वगत पुष्पवर्षा एवं प्रसादी देकर किया गया। वहीं पुरे रास्ते खलघाट से लेकर धामनोद तक कावड़ यात्रा का स्वागत सत्कार होता रहा जगह जगह प्रसादी भी वितरित की गई। जैसे ही कावड़ यात्रा गनर में पहुँची हर हर महादेव के घोष लगातार करते हुए बावड़ी मोहल्ले स्थित श्री नर्मदेष्वर महादेव मन्दिर पहुँची। जहाँ कावड़ियों द्वारा माँ नर्मदा के पवित्र जल से जलाभिषेक किया गया एवं पूजन कर महा आरती भी हुई।
कावड़ यात्रा के पश्चात भगवान भोलेनाथ की भव्य सवारी शिव डोला की तैयारी कर दोपहर 2 बजे के लगभग बावड़ी मोहल्ला स्थित श्री नर्मदेष्वर महादेव मन्दिर से भगवान भोलेनाथ की सवारी बेंड बाजे, ढोल ताशे, डीजे के साथ नगर भ्रमण पर निकाली गई। भगवान भोलेनाथ की सवारी जैसे ही नगर के मुख्य मार्ग पहुँची लोगों का उत्साह देखने लायक था लोग जय घोष के नारों के साथ भगवान के दर्षन के उमड़ पड़े। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सवारी के साथ में गौरी अग्रवाल एवं शुभम राणा एवं महाकाल म्यूजिक ग्रुप के द्वारा मधुर भजनों पर लोग भी आननदीत होकर झुमने लगे। जॉनी कश्यप आर्ट ग्रुप दिल्ली, सोनु काली आर्ट ग्रुप दिल्ली, शिव अधोरी मार्ट ग्रुप, हिसार (हरियाणा), राजस्थानी लोक नृत्य जय चौधरी द्वारा, महिदपुर उज्जैन के ढोल, श्री भस्मरमैय्या ग्रुप उज्जैन, जय महावीेर व्यायाम शाला द्वारा अखाड़ा, मलखम माधवपुर, श्याम बैंड इंदौर, उज्जैन के कड़ा बीम, दिव्य शिव पालकी दर्शन, नगर साज सज्जा आदि को लोग निहारते ही रह गये।
इन सभी दिव्यताओं के साथ भगवान भोलेनाथ की सवारी जैसे जैसे नगर के मुख्य मार्ग पर बड़ने लगी लोग पुष्पवर्षा कर स्वागत के साथ पूजन भी करने लगे। सवार के भ्रमण मार्ग में अनेकों जगह श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत एवं प्रसादी का वितरण किया। जिसमें प्रसादी की सेवा भक्तों द्वारा तरह तरह के प्रसादों से पुरे रास्ते वितरीत की गई। देर शाम होते होते सवारी भुतेष्वर महादेव मन्दिर पहुँची जहाँ आरती की गई और भक्तों द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। जहाँ से वापस भोलेनाथ की सवारी नर्मदेष्वर महादेव मन्दिर पहुँची। जहाँ महाआरती कर प्रसादी का वितरण किया गया।
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