धामनोद//शराब ठेकेदार की चल रही दादागिरी प्रिंट रेट से अधिक दामों में बेची जा रही शराब बिल मांगने पर बदसलूकी तक कर रहे ठेकेदार के गुंडे
धामनोद । नगर धामनोद में शराब ठेकेदार ने जब से शराब का ठेका लिया है तभी से उसके द्वारा मनमानी की जा रही है । शराब की बोतलों पर छपे रेट के अलावा 20 रुपए से लेकर 300 रुपए तक अधिक लिया जा रहा है ।
आपको बता दें कि पूरे धर जिले का शराब का ठेका हुआ है । उसी ठेके में से नगर धामनोद और आसपास के ग्रामों की दुकानों की दुकानों को कंपोजिट दुकानें खोलो गई है । जहां पीने वाले ग्राहकों की जेबें बड़े ही शातिराना तरीके और पूरी दादागिरी से काटी जा रही है । भले ही गरीब वर्ग का व्यक्ति हो जो देशी शराब भी खरीदने जाता है तो भी सफेद के क्वाटर पर भी प्रिंट रेट 70 रुपए से अधिक राशि 90 रुपए वसूल किए जा रहे । वहीं बोल्ट कंपनी की बीयर की बोतल पर प्रिंट रेट 160 रुपए की जगह 180 रुपए वसूल किए जा रहे हैं । ऐसा ही हाय रेंज की बोतलों पर भी प्रिंट रेट से 300 रुपए से भी अधिक वसूल किए जा रहे हैं ।
ग्राहकों द्वारा प्रिंट रेट से अधिक राशि लेने का कारण पूछने पर कहा जाता है कि हमारे सेठ ने कहा है । बिल मांगने पर ठेकेदार के गुंडे जैसे सीखने वाले लोग ग्राहकों से बदसलूकी तक करने से भी बज नहीं आते हैं । इन लोगों की बदसलूकी को आप समाचार के साथ वीडियो में भी देख सकते हैं ।
आखिरकार इन शराब के ठेकेदारों पर किस राजनैतिक रसूखदार का वरद हस्त मिला हुआ है जिसके कारण शराब ठेकेदार की दबंगाई धड़ल्ले से चल रही है । आबकारी विभाग भी इन ठेकेदारों की कठपुतली बना हुआ नजर आ रहा है ।
आबकारी विभाग भी ठेकेदार की कठपुतली
इधर मामले की जानकारी मीडिया के द्वारा आबकारी विभाग की अधिकारी को अवगत करने की कोशिश की गई तो पता चला कि आबकारी विभाग धरमपुरी के सभी अधिकारी सहित कर्मचारी ठेकेदार के हाथ की कठपुतली बने हुए दिखाई दिए । ठेकेदार के लोगों द्वारा वसूली का रही अधिक राशि और ग्राहकों के साथ की जा रही बदसलूकी का वीडियो आबकारी अधिकारी प्रज्ञा मालवीय को दिया गया और मीडिया के द्वारा शिकायत बताई तो मैडम द्वारा जवाब दिया गया कि ऐसे वीडियो कोई मायने नहीं रखते हैं आप लिखित में शिकायत करें वो भी हमारे हेड ऑफिस धार जाकर उसके बाद हम कार्यवाही करेंगे ।
मैडम की बातों से लगता है कि ठेकेदार के रसूख के आगे पूरा विभाग ही नत मस्तक हो चुका है ।
वहीं ग्राहकों में से एक व्यक्ति द्वारा मीडिया को यह भी बताया कि अगर शराब का ठेका जिले लेवल से हुआ है तो धरमपुरी में आबकारी विभाग के ऑफिस की जरूरत ही क्या है ।
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