धामनोद नगर की सत्यकथा . . .
(प्रकाश जोशी उर्फ पप्पू तेजाब)
नगर को मिली दो सौगातों ने नगर के आधे लोगों को कर दिया बीमार
कोई कमर दर्द से परेशान तो कोई अस्थमा का हुआ शिकार आम जनता की परेषनियाँ और चेतावनियाँ हुई बेअसर
प्रशासन और निर्माण कंपनियों के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही, स्थानीय प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध
मैं जनता की परेशानी पर मुकदमा दर्ज करने को हूँ तैयार - संतोष दुधी टीआई
*धामनोद।* आज नगर के यह हालात है कि धामनोद नगर पर पुरी की पुरी सत्यकथा लिखी जा सकती है। ये तो महज दो सुविधाएँ हैं जो नगर के अध्यक्षों को हराभरा रखने के लिए नगर की झोली में डाली गई जो आज तक पुरी नहीं हो पाई। आपको बता दें कि विगत सात वर्ष से नगर को शुद्ध जल के नाम पर ऑरो का पानी देने के लिए करीब 43 करोड़ से अधिक की योजना को लाया गया। जिसकी समय सीमा समाप्त हुए चार वर्ष से अधिक बीत गये हैं, परन्तु आज तक कार्यपूर्ण नहीं हुआ है। अभी भी करीब करीब 40 प्रतिषत के लगभग कार्य अधुरा पड़ा हुआ है।
वहीं दुसरी योजना भी नये अध्यक्ष कार्यकाल में लाई गई जिसमें नगर में 67 करोड़ के लगभग की लागत से सीवरेज लाईन का कार्य किया जाना है। एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है कार्य को प्रारम्भ हुए। जिसके चलते पुरा नगर गड्डों में तब्दील हो कर दिन रात धूल के गुबार से भरा रहता है। इन धूल के गुबार के कारण राहगीर तो खांसते ही रहते हैं। वहीं पिछले आठ महिनों से अधिक समय से नगरवासी भी खांसी और अस्थमा के षिकार होने लगे हैं।
*_दोनों सौगातों ने नगरवासियों को बना दिया बीमार -_*
नगर को मिली सुविधाओं की सौगातों ने नगर के नागरिकों को बीमार बनाकर रख दिया है। कोई कमर दर्द से परेषान है तो, कोई खांसी और अस्थमा का मरीज बन चुका है। ये तो गनीमत है कि नगर में अस्पतालों की पहले से बाड़ आई हुई है, लोग अपना उपचार लेने पहुँच भी जाते हैं। वरना दर दर भटने के सिवा कोई चारा नहीं रहता।
विगत सात वर्ष से ऑरो लाईन के नाम पर नगर की हर गली मोहल्ले को खोद खोद कर गड्डों में तब्दील कर दिया। आधा अधुरा काम छोड़ दुसरी जगह कार्य शुरु कर दिया। मोहल्ले वासी परेषान हुए तो काम बन्द कर दिया लोगों को गड्डों से गुजरने पर मजबूर किया जिसके चलते कई बार दुर्घटनाएँ भी हुई। वाहन चालक भी इन गड्डों में गिरे। अब यह हाल है कि विगत सात वर्षों में लोग कमर दर्द से परेषान रहने लगे है।
वहीं दुसरी सौगात ने तो नगरवासियों का जीना ही दुष्वार कर रखा है। हर गली मोहल्ले में धूल के गुबार के चलते खांसते हुए लोगों को देखा जा सकता है। नगर के करीब करीब सभी मार्गों की हालत दयनीय बनी हुई है। यहाँ तक कि नगर के मुख्य मार्ग भी इससे अछुते नहीं हैं। सुन्द्रैल चौराहे से लेकर फोर लाईन तक एवं महेष्वर चौराहे से लेकर गुलझरा तक आने जाने में डर लगता है। धूल के गुबार के कारण रास्ता भी नजर नहीं आता है। नगर में आने वाले वाहनों के कारण यह समस्या और भी विकराल होती जा रही है। सबसे अधिक तो नगर के मुख्य मार्ग पर रहने वाले रहवासी सबसे अधिक परेषान हो रहे हैं। धूल के गुबार के कारण उनकी दुकानों, घरों तक में धूल का कब्जा दिन रात देखने को मिल जायेगा। जिसे साफ करते करते उनकी तबीयत गड़बड़ाने लग गई है।
*_कई बार आमजन विरोध दर्ज करा चुके, सब बेअर -_*
नगर की आम जनता सुविधा के नाम पर मिली योजनाओं में हो रही जतर कतर खुदाई से बेहद त्रस्त है। जहां देखो वहाँ गड्डे ही गड्डे इन गड्डों ने किसी का मुँह तोड़ा तो किसी के हाथ पैर तोड़े, कभी वाहनों का नुकसान, तो कभी बस तो कभी ट्रक इनका शिकार हुए। संजय नगर में तो एक बच्ची की जान पर तक बन आई। बावजूद इन घटनाओं के आज तक जिम्मेदारों पर कोई भी सख्त कार्यवाही नहीं हुई। बस जनता परेशान हो रोती बिलखती और गालियां देकर चुप हो जाती। आखिर करे भी तो क्या इतना ही नहीं सैकड़ों 181 सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायतें दर्ज हुई परन्तु वहां भी नतीजा शून्य ही रहा। नगर के कई संगठनों द्वारा धरने की चेतावनियां दी गई, परन्तु नगर की कुर्सी को पीछे से संभालने वाले ही आष्वासन देकर लोगों को चुप बैठने के लिए मजबूर कर देतें है। आखिरकार मजबूर होकर आम जनता को रोड पर आना ही पड़ा। जहाँ शनिवार को सुबह 9 बजे अपने अपने प्रतिष्ठान क्षणिक बन्द कर विरोध स्वरुप रैली निकाली गई जो नगर के मुख्य मार्ग होते हुए महेष्वर चौराहे पहुँची जहाँ प्रषासन को एक पत्र भी सौंपा गया और सभी ने एकत्रित होकर जतर कतर चल रहे निर्माण कार्यों का विरोध किया।
*_अब जाकर जागा पुलिस प्रशासन -_*
नगर की जनता को परेशान होते हुए कितना समय बित चुका कई घटनाएँ हुई, दुर्घटनाएँ हुई, मगर पुलिस प्रषासन ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। उल्टा षिकायतकर्ता को नगरीय प्रषासन का भक्षण बनने के लिए भेज दिया जाता रहा है। हाल ही में आये नवागत थाना प्रभारी संतोष दुधी ने लोगों के आक्रोष को देखते हुए जनता की परेशानी को लेकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आष्वासन तो दे दिया है। अब देखना है कि किन पर मुकदमा दर्ज किया जाता है या फिर ठेकेदार की हठधर्मिता से खाकीवर्दी भी इस धूल के गुबार में सनी हुई मिलेगी।
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