जनपद पंचायत धरमपुरी की 51 ग्राम पंचायतों में तो भ्रष्टाचार अपने चरम पर है ही लेकिन जनपद पंचायत के उच्च अधिकारियों की नाक के नीचे भी हो रहा भ्रष्टाचार
*धार जिले कि जनपद पंचायत धरमपुरी भ्रष्टाचार मैं सभी जनपदों से आगे*( जब सैया भये कोतवाल, तो डर काहे का)
धरमपुरी- कहने को तो भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं होती है किंतु धरमपुरी जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार सीमा की भी सीमांत तक पहुंचने के बाद भी नहीं थम रहा है क्योंकि *जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का* वाली कहावत चरितार्थ धरमपुरी जनपद पंचायत में होती हुई साफ नजर आती है क्योंकि उच्च अधिकारियों की पीठ के पीछे कोई कर्मचारी या अधिकारी अवैध या भ्रष्टाचार युक्त कार्य करता है तो उच्च अधिकारी संज्ञान में न होने का जुमला बोलकर अपने हाथ खड़े कर देते हैं। लेकिन यहां मामला कुछ और ही है क्योंकि उच्च अधिकारियों की आंखों के सामने ही साफ तौर पर भ्रष्टाचार हो रहा है उच्चअधिकारी चुप्पी साध कर बैठे है इसका मतलब साफ प्रतीत होता है कि जनपद के अधिकारी भी भ्रष्टाचार में सम्मिलित है ऐसे ही धरमपुरी जनपद पंचायत की सभी पंचायतों में भ्रष्टाचार के कारनामे प्रतिदिन कहीं ना कहीं उजागर होते दिखाई देते हैं लेकिन आज हम बात कर रहे हैं खुद जनपद पंचायत परिसर में बने *मोटरसाइकिल स्टैंड* की जिसमें अधिकतम मजदूरी व सामान का पैसा जोड़ने के बाद भी ₹1,00,000 से ऊपर का नहीं बनता है( बाजार में सभी सामान एवं मजदूरी का भाव पता करने के बाद) उस मोटरसाइकिल स्टैंड के नाम पर जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे 3,50,000 लाख रुपए का आहरण हो गया। जवाबदारों से पूछने पर उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं है वर्तमान सीईओ मैडम से जब हमारे संवाददाता ने पूछा की मैडम मोटरसाइकिल स्टैंड में ज्यादा से ज्यादा एक लाख रुपए से अधिक का खर्च नहीं हुआ है तब मैडम ने मामले को दिखाने का कह कर इति श्री कर ली। लेकिन आज दिनांक तक जिम्मेदार भ्रष्टाचार अधिकारियों, इंजीनियर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई । देखना यह है कि समाचार प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदार अपनी कुंभकरण वाली नींद से जागते हैं या नहीं? क्राइम दर्पण समाचार के द्वारा रोज एक ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार की दास्तान आप लोगों के सामने प्रकाशित की जाएगी। बने रहे क्राइम दर्पण समाचार के साथ
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