बांग्लादेश में हिंसा रोककर महाशक्ति का आभास कराएं भारत - स्वामी सूर्यदेव महाराज
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में धरना देकर रैली निकाली, ज्ञापन सौंपा
- संत-महात्मा, मठ-मंदिर पुजारी व समाज प्रमुखों ने की अगुवाई, हजारों सनातनी हुए शामिल
*खरगोन (किशोर कुमार भार्गव)//तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के आतंक व अत्याचार से मुक्त कराया था। हमारी इस सहृदया और उदारता का परिणाम यह रहा कि जिन्हें हमने बचाया वे ही आज कट्टर जिहादी, सांप बनकर हमारे ही सनातनी भाइयों को ढंस रहे हैं। जिहादी गुंडे हमारे हिंदू समाज को डरा रहे हैं। हिंदुओं पर भीषण अत्याचार कर उनकी जघन्य हत्या कर रहे हैं। माता-बहनों के साथ बलात्कार जैसी शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं। निर्दोष सतों को जेल में बंद किया जा रहा है। ऐसे में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी से आग्रह करते हैं कि वे भारत को महाशक्ति बनाने की बात करते हैं तो इस महाशक्ति का प्रदर्शन भी करें। बांग्लादेशी हिंदुओं को जिहादी आतंक से मुक्ति दिलाएं। देश का संत व हिंदू समाज आपके साथ खड़ा है।
बुधवार को यह बात बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोधस्वरूप स्थानीय कुंदा तट स्थित सिद्धि विनायक गणेश मंदिर परिसर में सर्व हिंदू समाज द्वारा आयोजित विराट धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता स्वामी सूर्यदेव जी महाराज ने कही। धरना प्रदर्शन में जिलेभर के हजारों सनातन धर्मावलंबियों ने भागीदारी कर आक्रोश जताया। संत-महात्माओं ने बांग्लादेश में जारी हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उपस्थित जनसमुदाय ने संत-महात्मा व समाज प्रमुखों के नेतृत्व में नगर के किला गेट, झंडा चौक, सराफा बाजार, गुरु नानकदेव चौराहा, राधावल्लभ मार्केट, डायवर्शन रोड, महाराणा प्रताप चौराहा, नवग्रह पुल से होकर कलेक्टोरेट तक विशाल रैली निकाली। मातृशक्ति हाथों में गुरुद्वारा, मंदिर, बौद्ध विहार, जेहादी हमलों के सब शिकार..., बांग्लादेशी हिंदू करें पुकार, मदद करें भारत सरकार..., एक हैं तो सेफ हैं..., हिंदू समुदाय की रक्षा के लिए हम सब हैं तैयार आदि तख्तियां लेकर चल रही थीं। रैली के कलेक्टोरेट पहुंचने पर सर्व हिंदू समाज समिति खरगोन के संयोजक लच्छीराम इंगले ने महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम ज्ञापन का वाचन किया। स्वामी सूर्यदेव महाराज सहित संतों ने सर्व हिंदू समाज की ओर से खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हाल की घटनाओं जिनमें प्रमुख रूप से ढाका इस्कान के चिन्मय कृष्णदास जी की देशद्रोह के झूठे आरोप में गिरफ्तारी, दुकानदार मेमनसिंह की दुकान पर लूटपाट, लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम से हमला, हिंदू धर्मस्थलों पर हमले, हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, हिंदूओं के घरों और दुकानों में आगजनी, बौद्ध और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों का विस्थापन आदि का उल्लेख किया गया। महामहिम राष्ट्रपतिजी से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय पर अत्याचार के विरोध में सकारात्मक हस्तक्षेप कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई।
*जाति-पाति मुगलों व अंग्रेजों की देन*
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए रामेश्वरानंदजी महाराज ओंकारेश्वर ने समस्त सनातनियों से जाति-पाति से ऊपर उठने को आह्वान किया। उन्होंने कहा जाति-पाति मुगलों व अंग्रेजों की देन है। हम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे। बंटेंगे तो निश्चित रूप से कटेंगे। बांग्लादेश में 27 प्रतिशत हिंदू थे जो जाति-पाति में बंटने के कारण घटकर आठ प्रतिशत ही रह गए हैं। वहां हाल ही में हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा को वैश्विक मीडिया छुपाने में लगा है। दिव्य चैतन्यजी महाराज ने कहा हम सभी बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में एकत्रित हुए हैं। आज जो उनके साथ हो रहा है वह आने वाले समय में हमारे साथ भी हो सकता है। जिस प्रकार मधुमक्खी के छत्ते पर कोई पत्थर मारने की नहीं सोचता है उसी प्रकार सभी सनातनी एकजुट रहे तो दुनिया की कोई शक्ति हमपर अत्याचार नहीं कर सकती है। महेश चैतन्यजी महाराज ने कहा हम सनातनी वसुदैव कुटुंबकम का भाव लेकर चलते हैं। हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं। हमारी सोच किसी को मारकर जन्नत प्राप्त करने की नहीं है। विष्णुजी महाराज मारूगढ़ ने कहा भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चुप न बैठे। ठोस निर्णय लेकर उचित कार्यवाही करें। श्री 1008 नर्मदानंद बाप जी महाराज नजर निहाल आश्रम ओंकारेश्वर, श्री नजरा महाराज शिवपंथ, श्री रूपसिंह बाबा गायत्री परिवार, स्वामी विवेकानंदपुरी जी महाराज नर्मदा कुटी नावखेड़ीघाट, सुश्री भारती दीदी ठाकुर (प्रवराजिका विशुद्धानंद) निमाड़ अभ्युदय नर्मदालय लेपा, महंत श्री हनुमानदासजी बड़वाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर गहरी चिंता जताई। इस अवसर पर नवनीत चैतन्यजी महाराज, ज्ञानी पवनसिंहजी परवाना गुरु सिंघ सभा खरगोन आदि मंचासीन थे। संचालन राजेश बड़ोले ने किया।
No comments:
Post a Comment