उमरबन पुलिस चौकी से महज तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर अवैध गतिविधियां सट्टा पत्ता , जुआं की टेबल खुलेआम धड़ल्ले से संचालित है।
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*अवैध सट्टे पर पुलिस नहीं लगा पा रही अंकुश, सटोरियों के हौंसले बुलंद। पुलिस कप्तान धार श्री मनोज कुमार सिंह के आदेशों की धज्जियां खुद उनके ही विभाग के कर्मचारी उड़ा रहे हैं*
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*धामनोद/उमरबन रिपोर्टर रविन्द्र ठाकुर*
धार जिले के पुलिस कप्तान मनोज कुमार जी द्वारा पूरे जिले में सख्त निर्देश है कि, जिले में कही भी अवैध गतिविधियाँ संचालित नहीं होना चाहिए। उसके बावजूद
उबरबन पुलिस चौकी के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र में अवैध सट्टे, जुआ का कारोबार खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा है। इसके बाद भी वहां के पुलिस विभाग के अफसर अवैध गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे है।
दरअसल खड़ी मोहल्ली के पास कॉपिस नाम के जंगल में खुलेआम ओपन, क्लोज, रनिंग, तितली भवरी और टेबल का कारोबार चल रहा है। जो कि पुलिस चौकी से मात्र तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर है वही उमरबन और ढेकली, कारोंदिया के बिच में चौराहे के समीप एक रूपए के अस्सी रूपए बनाने का सट्टा करोबार और तितली भवरी चल रहा है। दोनों जगह पर अवैध सट्टे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। इससे युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे है। इधर सटोरियों द्वारा कुछ ग्रामीण लोगों को स्कीम देखने के लिए नंबर चार्ट भी उपलब्ध करा रहे है। और लोगों को गुणा, भाग सिखाकर सट्टे की चपेट में ले रहे है।
*बड़े रसूखखोर और जिम्मेदारों की साठ-गांठ से सट्टे का कारोबार लाइसेंसी के रुप संचालित*
गौरतलब की बात यह है की जब बड़े- बड़े राजनीतिक करने वाले बड़े रसूखखोर और जि़म्मेदारो की साठ-गांठ के चलते यह अवैध सट्टे करोबार बकायदा लाइसेंसी के रूप में खुलेआम संचालित हो रहा है। पुलिस और सटोरियों की इतनी तगड़ी सेटिंग है की आलाधिकारियों को दिखाने लिए सटोरिया मालिक अपने गुर्गों के नाम से एक आद प्रकरण दर्ज करवा देते है। और इधर ऊपर बैठे अधिकारियों को लगता है की पुलिस कार्यवाहियां
कर रही है।
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