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Tuesday, 3 September 2024

_नगर पालिका अधिकारी सहित दो कर्मचारियों ने अध्यक्ष प्रतिनिधि विष्णु पाटीदार एवं पार्षद प्रतिनिधि महादेव पाटीदार के खिलाफ_*

 *_नगर पालिका अधिकारी सहित दो कर्मचारियों ने अध्यक्ष प्रतिनिधि विष्णु पाटीदार एवं पार्षद प्रतिनिधि महादेव पाटीदार के खिलाफ_*





*_झुटी षिकायतों एवं जातिगत आरोपों से तंग आकर की ऑनलाईन पुलिस षिकायत, वहीं कार्यालय से मूल दस्तावेज तक चोरी करना भी शामील_*

*_दोनों प्रतिनिधियों ने भी षिकायत के विरोध में बचाव के लिए थाने पर दिया आवेदन_* 

(*प्रकाश जोशी*) धामनोद //नई परिषद् को बने करीब ढेड़ वर्ष ही हुआ हैं। मगर नगर परिषद् में विकास कार्य के नाम पर अध्यक्ष सीमा पाटीदार एवं उनके सर्मथक पार्षद विकास कार्यों को लेकर लगातार विवाद की स्थिति निर्मित कर रहे हैं। जिसका खमियाजा नगर की आमजनता को उठाना पड़ रहा है। आपने वो कहावत तो कई बार सुनी होगी जिसमें उदाहरण दिया जाता रहै कि ‘‘चाय से ज्यादा केटली गरम’’ वही हाल यहाँ पर प्रतिनिधियों का है। जिनका नगर परिषद् की गतिविधियों को लेकर कोई अधिकार नहीं होता है। प्रतिनिधि बनने का रौब इस कदर आम लोगों पर झाड़ते हैं जैसे वे ही अध्यक्ष और पार्षद हैं। वहीं नगर पालिका अधिकारी से लेकर परिषद् के अन्य कर्मचारियों पर भी ये बिना पावर के प्रतिनिधि अपने रौब की झांकी ऐसी बताते हैं कि उन्हें निलंबित करा कर ही दम लेंगे।

    आपको बता दें कि सीमा विष्णु पाटीदार कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीत कर नगर अध्यक्ष बनने के बाद महज कुछ महिनों बाद ही कांग्रेस पार्टी से गद्दारी कर भाजपा में शामील हुए। उसके बाद भी नगर अध्यक्ष सीमा पाटीदार एवं प्रतिनिधि विष्णु पाटीदार एवं अन्य प्रतिनिधियों द्वारा नगर के विकास कार्यों में कभी भी अपनी भूमिका अग्रणी ना रखकर विगत ढेड़ वर्ष से केवल और केवल अधिकारी पर सहयोग नहीं करने, विकास कार्यों में रोड़ा लगाने, भ्रष्टाचार की दुहाई देने जैसे आरोप लगाकर चर्चा में बने रहने के अलावा कोई काम नहीं किये। विगत दिनों नगर अध्यक्ष सीमा पाटीदार एवं उनके प्रतिनिधि विष्णु पाटीदार द्वारा नगर के बालाजी मन्दिर परिसर में एक प्रेसवार्ता रखकर करोड़ों का भ्रष्टाचार नगर पालिका अधिकारी माया मण्डलोई पर लगाते हुए कई आरोप लगाये गये। वहीं नगर की आम जनता के सामने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए नगर पालिका अधिकारी माया मण्डलोई पर नगर विकास में अड़ंगा लगाने और भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाकर नगर की मासूम एवं भोली भाली जनता को इमोषनल ब्लेकमेल कर भ्रष्ट महिला अधिकारी होना बता बता कर बदनाम करने का षड़यंत्र रचा गया।

*_ऑनलाईन पुलिस में की षिकायत -_*

     इधर नगर पालिका अधिकारी माया मण्डलोई एवं दो अन्य कर्मचारी ने अध्यक्ष प्रतिनिधि विष्णु पाटीदार एवं पार्षद प्रतिनिधि महादेव पाटीदार द्वारा सैकड़ों झुटी षिकायतें, जातिगत दुर्भावना, आये दिन कार्यालय में आकर कार्यालयीन दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ आदि से तंग आकर अधिकाारी द्वारा दोनों के खिलाफ ऑनलाईन पुलिस षिकायत की गई है। उन्होंने षिकायत में लिखा कि हमें जातिगत शब्दों से अपमानित करने, भ्रष्ट अधिकारी होने एवं कर्मचारियों को निलंबित करने, प्रतिनिधि होने का रौब झाड़ कर कार्यालय के मूल दस्तावेजों तक चोरी करने जैसे आरोप लगाये हैं। वहीं इन आरोपों के साथ इनके कृत्यों के कई विडियों फुटेज भी सबुतों के साथ अधिकारी के पास सुरक्षित रखे गये है जो सबूत के तौर पर उच्च अधिकारीयों सहित पुलिस को दिये हैं। अब देखना है कि इस ऑनलाईन षिकायत पर पुलिस इन रौबदार प्रतिनिधियों पर कितनी कार्यवाही करती है या फिर इनके रौब के आगे नतमस्त हो जाती है।

*_प्रेसवार्ता के आरोपों पर भी हुई चर्चा -_*

    वहीं विगत दिनों नगर अध्यक्ष सीमा पाटीदार एवं प्रतिनिधि द्वारा बुलाई प्रेसवार्ता के दौरान नगर पालिका अधिकारी माया मण्डलोई पर लगाये आरोपों को लेकर भी मिडिया द्वारा एक बार पुनः चर्चा की गई। जिसमें करोड़ों के भ्रष्टाचार, 4 लाख से अधिक डीजल के फर्जी बिलों के भुगतान पर अधिकारी ने बताया कि परिषद् के बनते ही इनके द्वारा नगर परिषद् के वाहनों में डलने वाले डीजल को लेकर पेट्रोल पम्प को बदल कर गेन्दालाल एण्ड सन्स से डीजल लेना शुरु किया था। जहाँ से महज 12 दिनों में सवा दो लाख का डीजल अध्यक्ष की दस्तखत से ही लिया गया था। जिसका भुगतान भी इनके द्वारा ही किया गया था। जिसके मांग पत्र की बुक अधिकारी द्वारा मय अध्यक्ष के हस्ताक्षर वाले दिखाये गये। उसके बावजुद ये लोग मुझ पर एक महिने का चार लाख का डीजल खर्च होने के आरोप लगा रहे हैं। आम जनता को महिने का खर्च बताया जा रहा है साथ में यह भी बताएँ कि केवल 12 दिनों में सवा दो लाख का खर्च किया था। नगर की जनता को इमोष्नली ब्लेंक मेल कर मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैं नगर में कार्यों को देखने जाती हूँ तो लोग मुझसे सवाल करते हैं। वहीं पीआईसी मिटिंग के दौरान विकास कार्यों को एक सिरे से इनके द्वारा खारीज कर रजिस्टर पर काट दिया जाता है और केवल दो कर्मचारियों को निलंबित करने का प्रस्ताव लाकर मुझे आदेषित करते है इन्हें निलंबित करें। कारण पुछने पर बताते है कि हमारी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे कई मामलों पर अधिकारी द्वारा बताया कि लगातार सैकड़ों झुटी षिकायतें इनके द्वारा की गई। कहीं भी अनियमितता नहीं पाई गई उसके बावजूद मुझे भ्रष्ट महिला अधिकारी बता बता कर आम लोगों के बीच में बदनाम किया जा रहा है। इन्हीं आरोपों के चलते मैं और दो कर्मचारी सुभाष डिन्डोड़ एवं मनोज मेवाती द्वारा ऑनलाईन पुलिस में इनके खिलाफ षिकायत की गई है।

*_प्रतिनिधि का कोई पद नगर परिषद् में नहीं होता -_*

     वहीं अधिकारी माया मण्डलोई द्वारा यह भी बताया गया है कि ये जिस प्रतिनिधि पद का लोग पर रौब दिखाकर अपने आप को सर्वेसर्वा होने का बताकर आम जनता को भ्रमित करते रहते है। नगर परिषद् में ऐसा कोई पद नहीं होता है। जो व्यक्ति चुनाव जीत कर आता है उसे ही परिषद् में आने का अधिकर होता है। ऐसा नहीं कि उनके प्रतिनिधि यहाँ बैठकर नगर परिषद् का संचालन कर सकतें है।

*_दोनों प्रतिनिधि भी पहुँचे थाने -_*

      इधर नगर पालिका अधिकारी एवं अन्य दो कर्मचारियों द्वारा अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं पार्षद प्रतिनिधि को जैसे ही जानकारी लगी की उनके खिलाफ ऑनलाईन पुलिस षिकायत दर्ज कराई गई है तो वे दोनों भी अपने बचाव को लेकर धामनोद थाने पर पहुँचे। जहाँ उनके द्वारा एक आवेदन नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ दिया गया है। जिसमें उनके द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेजों की चोरी करने से इन्कार करते हुए लिखा है कि हमारे द्वारा अधिकारी के खिलाफ कई षिकायतें लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू व उच्च विभागों को की गई जिनकी जाँचें चल रही है उनसे घबराकर अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा झुटी ऑनलाईन षिकायत की जा रही है। रहा सवाल दस्तावेज चोरी का तो दस्तावेज उनके पास ही है भ्रष्टाचार उजागर होने के डर से वे खुद ही दस्तावेजों को जला सकती है और आरोप हम लगा रही हैं।

*_क्या कहना है इनका -_*

     मेडम द्वारा हम दोनों प्रतिनिधियों खिलाफ थाने पर षिकायत की गई है उसकी जानकारी हमें लगी है। उसके विरोध में हमने भी एक आवेदन थाने पर दिया है। मेडम के खिलाफ लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू आदि जगह षिकायतें की गई है। कहीं ना कहीं मेडम को लग रहा है कि, उन पर कार्यवाही हो सकती है और वे बुरी तरह से फँस सकती है। वहीं जाँच के दौरान दस्तावेज जलाने जैसा कृत्य भी उनके द्वारा किया जा कर उसके आरोप भी हम पर लगाये जा सकते हैं। इसी के मद्देनजर मेडम ने हमारे खिलाफ षिकायत दर्ज कराई है, ताकि हम दबाव में आकर समझौता कर षिकायतें वापस लेने को तैयार हो जावें। - विष्णु पाटीदार, अध्यक्ष प्रतिनिधि नगर परिषद् धामनोद

*फोटो* - धामनोद 01 नगर परिषद् कार्यालय में मिडिया को डीजल मांग पत्र के दस्तावेज दिखाते हुए। 02 अध्यक्ष द्वारा लिखा जेके कंस्ट्रक्षन को भुगतान करने का पत्र। 03 पीआईसी की बैठक का वह रजिस्टर जिस पर विकास कार्यों को खारीज किया गया।

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