*_ धामनोद//
सिवरेज और आरो लाईन के नाम पर नगर की सड़के हुई गायब_*
*_नगर को हाईटेक सुविधा देने के नाम पर सड़कों किया गड्डों में तब्दील_*
*_ठेकेदार के कारण सड़कें हुई नदारद, रहवासी हो रहे हादसों के शिकार_*
*_नगरीय प्रशासन नहीं कर पा रहा हस्तक्षेप, रसूख के चलते नहीं हो रही कार्यवाही_*
*धामनोद।* यूँ तो धामनोद नगर एक व्यापारिक शहर की गिनती में पुरे धार जिले में अव्वल आता है। यहाँ षिक्षा, मेडिकल, व्यापार, आवागमन आदि का हब होने के बावजूद नगर से सटे दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र भी हैं। नगर में ही विधायक और सांसद निवास करते हैं उसके बावजूद नगर के हर वार्ड, कॉलोनी, पुरानी बस्ती आदि की सड़कों की र्दुदषा इस कदर हो गई है कि उसके आगे छोटे ग्रामों की तुलना करना भी उन छोटे ग्रामों की हँसी उड़ाने जैसा लग रहा है।
*_दो प्रोजेक्टों ने उजाड़ दी नगर की सड़कें -_*
जी हाँ आपको बता दें कि धामनोद नगर के लिए विगत पाँच छः वर्ष पूर्व नगर को आरो जल की सुविधा देने के नाम पर आरो लाईने डालने का काम शुरु किया गया था। पुरे नगर में तीन वर्ष की समय सीमा में आरो लाईने डालने के उपरांत खोदी हुई सड़कों की मरम्मत तक करने का ठेका हुआ था। कार्य पूर्ण होना तो दूर की बात आज दिनाँक तक करीब 40 प्रतिशत कार्य अधूरा ही पड़ा हुआ है। जबकि समय सीमा कब की खत्म हो चुकी। अभी कई मोहल्लो में कनेक्षन तक नहीं हुए हैं। सड़कें भी खुदी हुई पड़ी है।
वहीं गत वर्ष नगर को हाईटेक सुविधा देने के नाम पर दुसरा प्रोजेक्ट सिवरेज लाईन डालने का एमपी अर्बन के अंतर्गत आने वाली पीआईयू टीम इन्दौर द्वारा लाया गया। सिवरेज लाईन डालने में कार्य अत्यंत धीमी गति से चलाया जा रहा है। सिवरेज लाईन डालने के नाम पर नगर में बनी सीमेंट कांक्रिट की सड़कों को बीचों बीच से खोद दिया गया। सड़कों की हालत बद से बत्तर कर डाली। रहवासीयों के घरों के सामने से निकलने, अपने वाहनों को रखने तक की जगहें खत्म कर दी गई। जिस भी क्षेत्र में काम करना शुरु किया और खुदा हुआ मटेरियल महिनों तक नहीं हटाने पर रहवासियों ने विरोध किया तो वहाँ काम बन्द कर दूसरी जगह काम चालू कर दिया गया। सिवरेज लाईन के नाम पर रहवासियों की नाक में दम कर दिया। मामले में कई बार षिकायतें 181 पर की गई परन्तु कोई जवाबदेही नहीं की गई। जिधर देखो उधर गली मोहल्लों, कॉलोनियों की सड़कों में गड्डे ही गड्डे कर रखे हैं, कई बार दुर्घटनाएँ भी हो चुकी लोग घायल भी हुए, मगर सिवरेज लाईन ठेकेदार के कान पर जुँ तक नहीं रेंग रही। अब बारीष का मौसम आ गया सिवरेज लाईन के नाम पर खोदे गड्डे गंदे पानी से लबालब भरे हुए है। जिसमें गंदगी बेशुमार पसर रही है। इन्हीं गड्डों में अब मच्छरों ने अपना रैन बसेरा बना लिया है जिसके चलते नगर में मलेरिया, डेंगू आदि बिमारियों का प्रकोप भी सिर चड़कर बोलने ही वाला है। इधर गड्डों को भरने के नाम पर महज मुरुम डाल दी जाती है। अब बारीष के चलते नगर के हर घर के सामने किचड़ और गंदगी पसरती चली जा रही है।
*_लोग षिकायत लेकर थाने भी पहुँचे -_*
आपको बता दें कि ठेकेदार द्वारा अत्यंत धीमी गति से किये जा रहे कार्य के चलते नगर के वार्डाे एवं कॉलोनियों की सड़कें बीच में से ही खोद कर अधूरा काम छोड़कर अन्य जगह काम किया जा रहा है। नगर के हर वार्ड में सड़कें बद से बत्तर हो चुकी है। इधर शुक्रवार को वार्ड क्रमांक 14 में दोपहर को दो व्यक्ति गड्डों के कारण हादसे का शिकार हो गए। जिसके चलते नाराज वार्ड रहवासी एवं पार्षद थाने पहुँचे और ठेकेदार के खिलाफ कार्य धीमी गति और लापरवाही पूर्ण करने का आरोप लगाते हुए एक आवेदन दिया है। इससे पहले भी महेष्वर रोड़ स्थित एक बस्ती में छोटी बालिका के गड्डे में गिरने के कारण लहुलुहान हो गई थी। जिसके पिता द्वारा भी थाने पर आवेदन दिया जा चुका है। ऐसी कई जगह दुर्घटनाएँ हो चुकी है। परन्तु नगर के चन्द रसूखदारों और ठेकेदार की मिली भगत होने से पुलिस भी कार्यवाही नहीं कर रही है।
*_सिवरेज लाईन डालने की अनुमति नहीं -_*
इधर नगर परिषद् अधिकारी से चर्चा में जानकारी मिली कि हमारे कार्यालय द्वारा सिवरेज लाईल डालने का कार्य करने की अनुमति लेटर जारी नहीं किया गया है। आपको बता दें कि जिस प्रकार पुरे जिले का मालिक कलेक्टर होता है, उसी प्रकार से एक नगर का मालिक भी नगर पालिका अधिकारी होता है। बावजुद इसके सिवरेज लाईन डालने वाले ठेकेदार अपनी मन मर्जी के अनुसार काम कर रहे हैं। आखिर नगर की सुन्दर बनी हुई सड़कों को सिवरेज लाईन डालने के नाम पर नगर अध्यक्षा सीमा पाटीदार के कहने पर पुरी तरह से खोद दिया जाता है। वहीं नगरीय प्रशासन द्वारा इस बारे में जब कार्य करने वालों से जानकारी मांगी जाती है तो कह दिया जाता है कि इस काम में आपका कोई हस्तक्षेप नहीं है हमें उपर से काम करने की अनुमति मिली हुई है। जबकि नगर पालिका अधिकारी पुरे नगर की सड़कों व अन्य सुविधाओं के रखरखाव के लिए अधिकृत होकर जिम्मेदार भी रहता है। यहाँ नगर पालिका अधिकारी के बिना अनुमति पत्र के पुरे नगर की सड़कों को खोद डाला गया। नगर की बद से बत्तर हो रही हालत को लेकर नगर पालिका अधिकारी द्वारा करीब 30 से अधिक षिकायती पत्र एमपी अर्बन के अर्न्तगत आने वाली पीआईयू टीम इन्दौर को भेजे गये परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। जबकि कोई व्यक्ति भवन निर्माण करना चाहता है तो उसे नगरीय प्रशासन से अनुमति लेना पड़ती है। बगैर अनुमति के किया गया भवन निर्माण नगरीय प्रषासन गिरा देता है।
*_क्या कहना है इनका -_*
नगर के 15 वार्डों में एमपी अर्बन के अर्न्तगत आने वाली पीआईयू टीम इन्दौर द्वारा सिवरेज लाईन डालने का काम किया जा रहा है। जिसके कार्य करने के लिए मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का अनुमति लेटर जारी नहीं किया गया है। इनके द्वारा अपने हिसाब से काम किया जाकर जगह जगह नगर की सड़कों को खोद दिया गया, बड़े बड़े गड्डे कर दिये गये है। नगर के रहवासी परेषान हो रहे हैं, दुर्घटनाएँ हो रही है। संबंधितों से चर्चा की गई तो मुझे कहा गया हमें अध्यक्ष सीमा पाटीदार ने काम करने के लिए कहा है। - *माया मण्डलोई,* नगर पालिका अधिकारी, धामनोद
हमारे पास काम करने की अनुमति नगरीय प्रषासन से मिली हुई है। अधिकारी गलत बयान बाजी कर रही हैं। - *राहुल राणा,* सिवरेज लाईन प्रोजेक्ट इन्चार्ज
मैं अभी जून माह में ही इस प्रोजेक्ट के लिए आया हूँ। अभी मुझे किसी भी प्रकार से जानकारी नहीं हैं। - *नागेष्वर राव,* सिवरेज लाईन, प्रोजेक्ट इंजिनियर
जहाँ जहाँ सड़के खुदी हुई है उन्हें फिलहाल बनाया नहीं जा सकता है, बारीष के कारण स्लेब खराब हो जायेगा। इसलिए गड्डों को भरने के लिए मुरुम भरने का काम किया जा रहा है। - *रोहित पवार,* सिवरेज लाईन, साईड इंजिनियर
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